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समीचीन 

साहित्य-समाज-संस्कृति और राजनीति के खुले मंच की अर्धवार्षिक - अव्यावसायिक पत्रिका  

विद्वत परीक्षक मंडल (Peer Review Team) द्वारा अनुमोदित
ISSN-2250-2335 Reg No. MAHHIN/2008/26222
 
डॉ. देवेश ठाकुर ने 'समीचीन' का प्रकाशन सन 1984 में शुरू किया। सन 2003 तक यह बिना पंजीकरण के त्रैमासिक पत्रिका के रूप में प्रकाशित होती रही। 2003 में इसका अस्थायी पंजीकरण हुआ लेकिन स्थायी तौर पर यह सन 2008 में ही पंजीकृत हो सकी। इस बीच इसका प्रकाशन अनवरत चलता रहा।

अपनी इस प्रकाशन-यात्रा में समीचीन के कुछ महत्वपूर्ण विशेषांक बहुचर्चित रहे। इनमें ‘नाटककार और नाट्य समीक्षा’, ‘आधुनिकता’, ‘हिंदी लघुकथा’ आदि विषय केंद्रित अंकों के अतिरिक्त आनंद प्रकाश दीक्षित, गजलकार हनुमंत नायडू, अरुणा दुबलिश, श्रवण कुमार गोस्वामी और कमल किशोर गोयनका आदि रचनाकारों पर केंद्रित विशेषांकों के माध्यम से कई रचनाकारों-समीक्षकों के साहित्यिक अवदान का मूल्यांकन करने का महत्वपूर्ण प्रयास किया गया।


इससे साहित्य एवं शिक्षा-जगत में समीचीन की एक अलग पहचान स्थापित हो गयी। जुलाई 2017 के अंक से इसे विशेषांक के रूप में ही प्रकाशित करने का निश्चय किया गया है। इस क्रम में अब तक समकालीन रचनाधर्मिता के कुछ महत्वपूर्ण हस्ताक्षर मसलन मंगलेश डबराल, सूर्यबाला, श्रवण कुमार गोस्वामी, कमलेश बख्शी और वीरेन डंगवाल आदि पर एकाग्र विशेषांक लगातार प्रकाशित हुए हैं।

समीचीन विशेषांक

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कमलेश_बख्शी_July_Dec_2019.jpg
समीचीन_जनवरी_जून_२०१९_श्रवण_कुमार_गोस्वामी.jpg
मंगलेश_डबराल_पर_केंद्रित_अंक_jan_jun_2018.jpg
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